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एक आदमी ने एक विज्ञापन दिया कि उसे उसकी चिन्ता करने वाला एक आदमी चाहिये। वेतन वो जो मांगेगा, मिलेगा ।

विज्ञापन देखकर एक बेरोजगार तुरंत उसके पास गया और उसने उसके लिये चिन्ता करने वाली नौकरी के लिये 10000 रूपये महीना सैलरी की मांग की। विज्ञापन देने वाले ने उसे 10000/- देना स्वीकार कर लिया और कहा कि तुम अभी से अपनी नौकरी शुरु कर सकते हो।

नौकरी शुरु हो गई।

बच्चों की फीस 10000 महीना है। मकान का किराया 15000 महीना है।

अब मालिक ने उसे अपनी सारी चिंताएं बता दी। मे महिने की आमदनी 50000 है। घर का खाने पीने पर खर्च 15000 है। मेरे रोज ऑफ़िस जाने का खर्च महिने भर का 5000 है। धोबी का खर्च महिने का 3000 है। काम वाली बाई को 2000 महीना देना होता है। महिने मे एक बार हमलोग कहीं घुमने जाते हैं उसमे कम से कम 5000 लग जाता है।

अब चिन्ता करने वाला आदमी से बर्दाश्त नही हुआ, उसने कहा: मालिक आपका अभी तक का खर्च 55000 है और अभी आपने मेरा 10000 सैलरी उसमे नही बताया है तो सब लेकर 65000 हो गए, आमदनी आपकी 50000 है, बाकी पैसा कहाँ से लाएंगे?

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